तुम ही निर्विघ्न-निर्विकारी, सर्वगुणों से संपन्न...भक्ति गीत
ग्राम-पाठला, तहसील-फरसगाँव, जिला-कोंडागाँव (छत्तीसगढ़) से जयवती नेताम जी के साथ राजेन्दरी जी एक भक्ति गीत गा रही हैं:
बाबा ने मुझसे कहा, हाँ मुझसे ही कहा
तुम ही निर्विघ्न-निर्विकारी, सर्वगुणों से संपन्न
तुम ही देता पुनः अर्चना, तुम्हे ही देता पुनः अर्चना
क्योंकि तुम ही ने कर्तव्य निभाया, जिम्मेदारी थाम लिया
इसलिए मै तुम्हे ही देता पुनः अर्चना
तुम्हे ही देता पुनः अर्चना
बाबा ने मुझसे कहा...