जीर लिटी जीर लिटी पंडकी मारा लिटी रे नकटा छेर छेर ...हल्बी गीत
बुदृराम बघेल जी छेर छेरा पर्व का एक गीत सुना रहे हैं और विवरण बता रहे हैं|
जीर लिटी जीर लिटी पंडकी मारा लिटी रे नकटा छेर छेर
हैले डोंड़ा पैले डोंड़ा मुंजी दंगार उड़ारे नकटा छेर छेर
जीर लिटी जीर लिटी पंडकी मारा लिटी रे नकटा छेर छेर
हैले डोंड़ा पैले डोंड़ा मुंजी दंगार उड़ारे नकटा छेर छेर
अधिक जानकारी के लिए इस नंबर पर काल कर सकते हैं
संपर्क@7000710681.
Posted on: Jun 24, 2022. Tags: BASTAR CG CHERA FESTIVAL HALBI CHER SONG
दियारी त्योहार के बारे में बता रहे हैं...
ग्राम-कालापारा, पंचायत-चितापुर 02, ब्लाक-दर्भा, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से वार्ड पंच हैं त्योहार के बारे में बता रहे हैं नया खाईं मानते हैं जब धान का फसल घर में लाते है, फिर अपने देवी-देवता और अपने पूर्वजो को चढाते हैं फिर अपने परिवार के साथ खुशी से खाते हैं| और दियारी त्योहार को भी नया फसल का खिचड़ी बना कर पहले गाय बैल को खिलाते हैं फिर खुशी से खाते हैं|
Posted on: Jun 05, 2022. Tags: BASTAR CG DARBHA FESTIVAL
दियारी त्यौहार के बारे में जानकारी दे रहे है-
ग्राम-भंडारास, पंचायत-चितापुर 1, ब्लाक-दरभा, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से सन्तुराम नाग जी बता रहे हैं आज इनके गाँव में दियारी का त्यौहार चल रहा है| गाँव में बारिस के बाद लोग खेती किसानी में व्यस्त हो जाते हैं और खेती किसानी करने के बाद पूरी फसल पकता है| फसल पकने के बाद उसको घर में लाकर मिडाई करते हैं और उस नए फसल साफ कर घर केडहन कोटी में रखना होता है| इसके बाद अच्छी फसल होने की खुशी में लोग अपने संबधियों को दियारी का न्योता देकर खाने पर बुलाते है| डियारी के दिन लोग घरों में नए चावल की किचड़ी बनाकर खाते हैं, कुल देवी देवताओं को याद करते हैं, पूजा करते हैं| संपर्क नंबर@6205435548.
Posted on: Feb 04, 2022. Tags: BASTAR CG DARBHA DIYARI FESTIVAL
बस्तर का सिनेमा मुर्गा लड़ाई उत्सव;इस त्यौहार को आदिवासी पूर्वजों से मनाते आ रहें हैं....
बुल्लिपारा, ग्राम पंचायत कोडेनार 3, जिला बस्तर, छत्तीसगढ़ में वनवासी आदिवासियों का प्रसिद्ध मुर्गा लड़ाई का उत्सव आयोजन किया जाता हैं|यह उनका आनंद उठाने का उत्सव हैं,इसमें महिलाएँ पुरुष बच्चें बुजुर्ग सभी आते हैं |इस उत्सव का कोई शुरुआत नहीं हैं,कहीं अंत नहीं है,क्योंकि इस त्यौहार को साल के हर महीने में अच्छा समय देखकर करतें हैं|सबसे पहले इस त्यौहार को मनाने के लिए निर्णय लेते हैं,कि कब और कहाँ करना है उसके बाद उस जगह पर एक गोला 40 से 50 मीटर व्यास का बनाते हैं|मुर्गा लड़ाई उत्सव के दिन उस जगह पर धूप(गर्मी) कम होते ही जमा हो जाते हैं,महिलाएँ देशी मादक पदार्थ जैसे लंदा,कल,गोर्गा,फास अर्थात् क्रमशः लंदा,मंद सल्फी,सुरम लाते हैं|पुरुष लोग दो-दो मुर्गा का जोड़ी बराबर वजन या ऊंचाई के अनुसार करते हैं,उसके बाद एक-एक जोड़ी को उनके एक-एक पैर में छोटा चाकू बांध देते हैं और गोले के अंदर ले जाकर आपस में लड़ाते हैं,पुरुष लोग दो पक्ष में विभक्त हो जाते है,पहला पक्ष एक मुर्गा की ओर,दूसरा पक्ष दूसरे मुर्गा ओर होता हैं दोनों पक्ष आपस में अपने हिसाब से पैसा रखते हैं,जो मुर्गा जीतता है उस पक्ष के लोग पैसा ले जाते हैं,परन्तु ये पैसा किसी न किसी रूप में उन्हीं हारे हुए लोगों के पास पहुँच जाता है| जैसे- जीते हुए लोग उन्हीं पैसों से लंदा मंद आदि उनके हिसाब से पीते हैं,इस प्रकार उनकी पत्नियों बहनों के द्वारा ये पैसा पुनः हारे हुए लोगों के हाथ में पहुँच जाता हैं|इस प्रकार दोनों पक्ष खुश हो जाता हैं|इसके बाद रातभर चाँदनी रात में पुरुष महिलाऐं बच्चें सब दो पक्ष में विभक्त होकर पंक्तिबद्ध में नानो वेया आदि गाना से नाचते-गाते हैं|इस प्रकार बस्तर के आदिवासी उत्सव दिवस मनातें हैं|इसलिए मुर्गा लड़ाई उत्सव को बस्तर के आदिवासियों का सिनेमा कहना उचित होगा|जय जौहार,जय बस्तर!
Posted on: Oct 24, 2021. Tags: BASTAR CG COCK FESTIVAL FIGHT
परम्परा और त्यौहार मान्यताओं पर आधारित पर चर्चा...
ग्राम पंचायत-बड़ेकिलेपाल, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर(छतीसगढ़) से बूटलूराम कुरामी बता रहे है कि अमावस्या में गुडी में जाकर खट्टा भाजी को देवी में चढ़ाया जाता है पूजा करे बगर नही खाया जाता है, पूर्व से चलते आ रहा है,अगर खाया जाये तो सांप काट सकती है, त्यौहार बस्तर में बरसात के सीजन में नई फसल तैयार होने पर एक खास त्योहार मनाया जाता है, इसे ‘नवा खानी’ कहते हैं। संपर्क@6264410275.