धान की खेती की जानकारी
ग्राम पंचायत छिंदबहार (बास्तामुंडा),ब्लाक-दरभा, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से रामसिंग कश्यप जी सीजी नेट के साथियों को बता रहे है ये बरसात के मौसम में ही खेती करते हैं |खेती में धान के फसलों का ही खेती कर पाते हैं|सिचाई के अभाव में अन्य मौसम में खेती नहीं हो पाती है|बरसात मे धान को बोने के बाद बारिश के पानी का ही इंतजार होता है|फसल थोड़ी बड़ी होने बाद बियासी लगाते हैं और कुछ दिन के बाद निदाई का काम शुरू हो जाता है|फिर फसल काटने के बाद मिडाई कर धान को बेचते हैं या फिर खाते हैं|अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@ 7722884009, सरपंच@9406109547, सचिव@7087797876
Posted on: Mar 16, 2022. Tags: AGRICULTURE BASTAMUNDA CG CHINDBAHAR DARABHA RAMSING KASHYAP RISE
पारंपरिक खेती के बारे में जानकारी दे रहे है
पंचायत बिरगली (कलापारा), ब्लाक-बस्तानार, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से ऊँगी जी बस्तर की पारंपरिक कृषि के बारे में जानकारी दे रहे हैं|इनके गाँव में रशायनिक खाद का प्रयोग किए बिना ही अच्छी फसल प्राप्त करते है|फसलों में सिर्फ गोबर खाद का उपयोग कर धान, मड़ैया, कोदो, कुटकी, मक्का, जुड़नगा आदि फसलों को बोया जाता है|मड़ैया का उपयोग गर्मी में ज्यादा करते है इसका पेज बनाकर पीने से शरीर में तंडक बनी रहती है और यह शुगर लेवल को भी काम करता है|मुनगा भाजी और कोदो खून साफ करता है|अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@
Posted on: Jan 17, 2022. Tags: AGRICULTURE BASTANAR BASTAR CG HUNGI BIRGALI INFORMATION KALAPARA
गाँव में जंगल के फलों से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाते हैं...
मारी पारा, ग्राम-पंचायत-कुकुरपाल, जिला-कोंडागांव, (छत्तीसगढ़ ) निरंजन कश्यप, बता रहे हैं कि वे अपने गाँव में धान,मक्का,बाजरा, अरहर की खेती कर रहे हैं| जिससे उन्हें फायदा मिलता है| वे सभी जंगल के फल चार, तेंदू, भेलवा, इमली, आम आदि लाते हैं| वे अपने जरुरत के हिसाब से घर में रखते हैं| बाकी सभी दैनिक खर्च पूर्ति हेतु बजार में बेच देते हैं| जिससे उन्हें धन राशि कि प्राप्ति होती है| गर्मी के दिनों में खेती नही करते हैं क्योंकि उनके पास पानी और संसाधनों कि कमी है|
Posted on: Jan 09, 2022. Tags: AGRICULTURE BABULAL NETI FOREST STORY
रामदयाल जी अपने पुराने समय की बात बता रहे हैं...
ग्राम-तारागाँव (मध्यप्रदेश) रामदयाल जी अपने पुराने समय की बात बता रहे हैं, दादाजी का कहना है की बहुत सी चीजें बदली है| पुराने समय में पानी भरने के लिए काफी दूर जाना पड़ता था| और सड़के बिजली की सुविधा भी नहीं थी| अब जमाना डिजिटल हो गया है| लोग इन्टरनेट का उपयोग ज्यादा करते हैं| मोदी जी ने गाँव-गाँव में पानी की व्यवस्था करके बहुत अच्छा किए है| खेती में कोदो-कुटकी बोते थे जो की जीने के लिए कम पड़ जाता था| अब ऐसा नहीं है| सरकार की और से राशन मिल जाती है जिसे जिंदगी थोड़ी आसान हो गई है| अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@7748800582.
Posted on: Dec 30, 2021. Tags: AGRICULTURE INFORMATION MP RAMDAYAL TARAGAAVN
अड़मापारा, कोडेनार से आयते अपने खेती का तरीका बता रही हैं...
अड़मापारा, ग्राम पंचायत-कोडेनार, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से आयते बता रही हैं कि उन्होंने अभी खेत में धान बोए हैं। उसके बाद घर के बाड़ी में मक्का बोने का सोच रहे हैं। कुछ दिन के बाद वे धान में घास खीचेंगे। फिर मई-जून के महीने में धान कटाई करेंगे। फिर जैसे गर्मी का मौसम आता है तो काम भी बदलता जाता है।