Letters from Jail: Soni Sori writes to her lawyer- part 3
Kamayani reads page 3 of Soni Sori’s lettter-
तब तक सुबह हो चुका था रविवार दिनांक 9/10/2011 उस दिन भर दर्द को अंदर ही अंदर सहती रही किससे कहती वहाँ पर मेरा अपना कोई था ही नहीं| सोमवार दिनांक 10/10/2011 को सुबह लेडीज पुलिस हमे कहने लगी फ्रेश हो जाओ तुमको कोर्ट ले जाना है| तब मैंने कहा मेडम मुझे चक्कर आ रहा है| मेरी हिम्मत नहीं हो रही है| कुछ देर रुक जाओ कहने लगी तुम्हें जल्दी तैयार होने को बोले है| नहीं तो हमे गाली पडेगा| तब मैंने कहा एक कप चाय पीला दीजिये जिससे मैं हिम्मत कर सकू चाय पीया और धीरे धीरे बाथ रूम तक गई कुछ देर बाद चक्कर आया तो गिर गई| मैं पहले से ही बाथरूम तक जाने लायक नहीं थी फिर भी दबाव डालकर बाथरूम में प्रवेश होने के लिये भेजा गया| शायद ये लोग अच्छी हालात बनाकर मुझे कोर्ट न्यायालय में ले जाना चाहते थे| पर ऐसा नहीं हुआ बाथरूम में गिरते ही बेहोश हो गई फिर दंतेवाड़ा थाना से निकालकर दंतेवाडा अस्पताल में ले गये काफी देर बाद मुझे होश आया| होश आने के बाद दर्द और ज्यादा बढा गया ना हो सकी ना बिस्तर से उठ सकी पूरी तरह घायल हालात में थी प्रताडना का जिक्र किसी से उस वक्त नहीं किया मुझे धमकी दिया गया था फिर भी कोशिश करती रही कि मौका देखकर मेरे ऊपर किया गया प्रताड़ना के बारे में बताऊ पुलिसकर्मी तो हर पल मेरे साथ थे| फिर मुझे दंतेवाडा अस्पताल से करीब दो बजे गाड़ी के बीच सीट में सुला कर कोर्ट में लाया गया बहुत देर तक कोर्ट न्यायालय के बाहर ही रखे न्यायालय के अंदर नहीं ले गये और एस डी पी ओ न्यायालय के अंदर से कागजात लेकर आया और कहने लगा इसमें साइन करो मैंने कहा सर मैं कुछ जज के सामने बयान देना चाहती हूँ| तब कहने लगा ये सब बाद में होगा| ये सब कागजात तुम्हें जेल भेजने के लिये है| साइन करो...क्रमश: