अमर रहे स्वतंत्र हमारा, युग-युग मुक्त गगन में लहरे...देशभक्ति गीत
ग्राम-छतरपुर,पोस्ट-गजरा,तहसील-घुघरी,जिला-मंडला (मप्र) से मोहन मरावी जी एक गीत सुना रहे हैं :
अमर रहे स्वतंत्र हमारा, युग-युग मुक्त गगन में लहरे-
विजय विश्व तिरंगा प्यारा,विजय विश्व तिरंगा प्यारा-
महक रही धरती खुशबु से इंद्रधनुष अम्बर में फुले-
मन प्राणों में नई उमंगें नयन-नयन में सपने झूले-
ज्योतिर में खुश की किरणों में काट दिया खुद का अंधियारा-
अमर रहे स्वतंत्र हमारा-
सिर से कफन बांध जो निकले सिर से कफन बांध जो निकले-
सीने पर हंस गोली खाई,सीने पर हंस गोली खाई-
देश प्रेम का प्याला पीकर झूम-झूम ज्वाला भड़काई-
पूण्य तरो पर उन्हें ने फूले,पूण्य तरो पर उन्हें ने फूले-
जिन्होंने दुशमन को ललकारा जिन्होंने दुशमन को ललकारा – अमर रहे स्वतंत्र हमारा-
आजादी की खातिर जीनने आजादी की खातिर जीनने-
बलि वेदी पर प्राण चढ़ाए,बलि वेदी पर प्राण चढ़ाए-
पंग-पंग संघर्षो से झूजे,पंग-पंग संघर्षो से झूजे-
अंगारों पर कदम बढ़ाये,अंगारों पर कदम बढ़ाये
श्रदा समन समर्पित उनको जिन्होंने अपना सब कुछ वारा – अमर रहे स्वतंत्र हमारा...