मरका पर्रो कांवा ना डेरा...गोंडी गीत
ग्राम लामता जिला बालाघाट मध्यप्रदेश से ब्रजलाल टेकाम जी एक गोंडी गीत गा रहे हैं ।गीत के माध्यम से बताया गया कि कौवा अपने बच्चों के लिए आम के पेड़ पर गोदा बनाता है, उसी पर निवास करता है और किस प्रकार से अपने बच्चो के लिए दाना चुन चुनकर लाता हैं तथा खिलाता है...
मरका पर्रो कांवा ना डेरा
मरका पर्रो कांवा ना डेरा रो भाई
मरका पर्रो कांवा ना डेरा
मरका मडा ते गा, ताना हैई डेरा
घास सनकाडी ता, बने किता घेरा
अनी अगा ताना मंदा बसेरा रो भैया
मरका पर्रो कांवा ना...
चुडू-चुडू चंव्वा, अनी चुडू-चुडू पूता
चंव्वा नू तिह्ताता, वन्जी अनी कूता
अनी मरका पर्रो ताना, बसेरा रो भैया
मरका पर्रो कांवा ना...
वले-वले लख अन्ता, तिन्दाले गा दाना
दिन अर्रे वाईता, ताना ठिकाना
अनी मरका पर्रो ताना, बसेरा रो भैया’
मरका पर्रो कांवा ना डेरा
मरका पर्रो कांवा ना...