पीड़ितों का रजिस्टर: पहले नक्सली संगठन में काम करते थे, डर से गांव छोड़कर आना पड़ा...
ग्राम-गुच्छाकोट, जिला-नारायणपुर, बस्तर (छत्तीसगढ़) से मैनू राम कोंर्रम पिता रूपधर बता रहे हैं कुछ साल बाद नक्सली संगठन में काम करते थे| बाद में पुलिस वालों को पता चला फिर पुलिस वालों ने उन्हे 3 महीने तक जेल में रखा था| फिर उन्होंने आत्मसमर्पण कर लिया| आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हे सरकार के द्वारा दस हजार रुपये सहायता राशि मिला था| वर्तमान में गुडरीपारा नारायणपुर में घर बनाकर रहते हैं| और मजदूरी कर के अपना जीवन यापन कर रहे हैं| उन्हे बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा| अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@8817767989.