संत रविदास जन्म कहानी...
दिल्ली से राजेश कुमार पाठक माघ मास पूणिमा को बताते हुये, रवि संत रवि दास के जन्म के बारे में बता रहें है, जमाना उनसे इतनी मोहबत करते है कि लोग उने अपनी भाषा में गुरु संत रवि दास कहते है, संत रवि दास दलित परिवार थे दलित परिवार कहते हुये बहुत निसंकोच होता है भांषा ही शब्द है बड़े बड़े राज्य नेट सुभष का चन्द्रहंस वर्ग एक अपने ही छोटे भाई को दलित बोलता है, दलित प्रतिनिधित्व के उस शब्द को सुन लिया गया है पराया समाज के लोग आंच लगते है मुझे तो नहीं पता कि उच नीच का भेद इस समाज के अपनों को गरीब कहने वाले लोग मेरे समझमे तो दलित वो होता है जो अपने विचारों से जुडा हुआ होता है, संत रवि रवि दास अपने तपस्या से आपने आचार-विचारो से ये जगत को बता दिया है, अदित्य भगवान सूर्य के किरण गरीब के घर में गुस जाता है, और अम्बनी अडानी के घर में घुस जाती है, इसी प्रकार परमात्मा के घर न कोई उच है
न नीच हर का भाजे सो हर का होए, और जात पात न कोए . (JP)