के जोड़ी मोर बिछिया गवा गे...छत्तीसगढ़ी गीत-
छत्तीसगढ़ से निशा सभी सीजीनेट सुनने वाले साथियों को छत्तीसगढ़ की एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहीं हैं-
काली के मडई में ले डारेव फूली ना-
काली के कालेषण में लाली लुगरा-
होती पहिर संझा पानी गेव रे-
लहुट घारे में मुड धारे रोयेव रे-
के जोड़ी मोर बिछिया गवा गे-
कोन ला पुछव मैं कोन डाहर जाव-
सुरता ला मोर मैं का गोठियाव-
खोजत-खोजत मैं कालप डारेव-
तोर जिनगी संगे मैं हर काला बताव-
के जोड़ी मोर बिछिया गवा गे...