आँखों से गया नींद, तारे रह गया गिन...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
न होस रहा न जोश रहा-
आँखों से गया नींद, तारे रह गया गिन-
भूख गया प्यास गया देख धन की पिसलाई-
आँखों के आगे झूल रहा था, बुढ़ापा की परछाई-
हर दम याद आता रहता बीते पलो की याद-
घुट घुट कर रह जाता करके दुश्मनो की याद...