हम सुधर जायेंगे तो...कविता-
ग्राम-तमनार , जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे है :
न कौओ की काओं काओं-
न कोयल की कुकने की आवाज-
निर्जन सी लगती है सारा गाँव शहर-
बन उपवन में बसंत बहार नही-
पतझड़ आने से पहले चमन उजड़ गया...(AR)