कविता : हाथी भालू दोनों में था, सच्चा-सच्चा मेल...
ग्राम-एड़का, हितुड़वाड़, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से कुमारी सुमित्रा एक छोटी सी कहानी सुना रही है:-
हाथी भालू दोनों में था, सच्चा-सच्चा मेल-
दोनों मिलकर खेल रहे थे, लूखा, छिपी का खेल-
हाथी बोला सुन रे भाई भालू, अब मै छिपने जाता हूँ-
पानी वाली जगह मिलूँगा, पक्की बात बताता हूँ-
हाथी भालू दोनों में था, सच्चा-सच्चा मेल...