त्योहारो में रोजगार छुपा है, मिट्टी के बर्तन एक उदाहरण-
ग्राम-एडका, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से सोनू उमेटी बता रहे हैं, वे मिट्टी के बर्तनो का व्यापार करते हैं, अभी दिवाली का त्यौहार आने वाला है जिसमे लोग मिट्टी के बर्तनों का उपयोग पूजा में करते हैं, वहां दिवाली के दिन मिट्टी के नये बर्तन में खिचड़ी बनाने की परंपरा है, खिचड़ी मे कई चीजे मिलाते हैं, उसके बाद खिचड़ी की पूजा कर उपयोग करते हैं, ये परंपरा सालो से चली आ रही है, ये अक्षय तृतीय के समय मनाया जाता है, इन दिनो मिट्टी के बर्तनो की खपत ज्यदा होती हैं, इस तरह मिट्टी के बर्तन बनाने वालो को पैसा कमाने का एक मौका मिलता है, जो उनके रोजगार का साधन है और इससे उनकी रोजी रोटी चलती है|