छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाको में हर घर में बीजा पंडुम मनाया जाता है...
ग्राम-डोंड्रा, विकासखण्ड-कोंटा जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से सुभ्रा वट्टी बता रहे हैं| वे बीजा पंडुम त्योहार मना रहे हैं| वे अपने देवताओ को मुर्गी, सुवर, दारू चढ़ाते हैं, और देवी देवताओं की पूजा करते हैं| पूजा के समय वे महुआ के डाल का भी उपयोग करते हैं| हल्दी चावल चढ़ाते हैं| और प्रासाद खाते हैं| बीजा पंडुम उनका पहला पंडुम है| इसके बाद ही वहां खेती की शरुआत होती है| ये छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाको में हर घर में मनाया जाता है| ये उनका पारंपरिक त्योहार है| जो हर साल मनाया जाता है| इसे माटी त्योहार के नाम से भी जाना जाता है|