जरहा लूठी कसन जरत हवे, काड़ा असन चरत हवे...गीत-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं :
जरहा लूठी कसन जरत हवे, काड़ा असन चरत हवे-
मने मन मा घूरत हवे, भात पेज कसन चुरत हवे-
लुटागे खेत खलिहान, जिंदगी के जाऊन खास सामान-
जाकर ले मिलत रहिस धान, का ला खाके बचाबो प्रान-
धोखा हा हमन खा डारेन, दुनिया हा हमन लुटा डारेन...