सडकाहारी खेते बीड़ा रोपे गयले रे पानी बिसायते भीता...हल्बी किसान कर्मा गीत-
आश्रित ग्राम-तोड़हुर, पंचायत-हलमानपुर, ब्लाक-कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से दसराम एक्का, गुलाब तिर्की, जहरसाय बेग हल्बी भाषा में एक कर्मा गीत सुना रहे है, जिसमे खेती में रोपा लगाते समय पानी के अंदर बिच्छू काट देने की बात को बता रहे हैं :
सडकाहारी खेते बीड़ा रोपे गयले रे पानी बिसायते भीता-
आ गए रे बली बिचारेते फींदा देगें-
हे दगी भगा दें तडकारी के ते बीरा रोप दे दें रे-
पानी भीता रे ते सींदा गए रे पानी भिंदा-
चली दादा रे या मन को पुकाना को कयो रे...