मै हूँ बटोही दूर से आया, किसी जगह आराम ना पाया...कविता
तालुका-उटनूर, जिला-आदिलाबाद, (तेलंगाना) से सिड्म भीमराव एक कविता सुना रहे है:
मै हु बटोही दूर से आया, किसी जगह आराम ना पाया-
मुँहा जो इधर आमई ने उठाया, ईश्वर ने कैसा दृश्य दिखाया-
तेरे बगीचे में मै बैठुगा, और बहारों को देखूंगा-
दरवाजें को खोल दे माली, मुझे बुलाती है डाली-डाली-
क्या हरियाली छाई हुई है, एक से रंगत एक नई है-
क्या सुषमा से सजिमयी है, स्वर्ग यहीं है, स्वर्ग यहीं है-
देख इन्हें दिल भर जाता है, जाने क्या क्या कह जाता है-
किसी भूल की याद दिलाकर, मुझे बुलाती है अपना कर...