जब नारी जग में न होगी तो जग में कैसे आओगी...नारी पर कविता
ग्राम-तमनार पड़ेगाँव, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से बाल साहित्यकार डॉ पुष्प एक कविता सुना रहे है:
जब नारी जग में न होगी तो जग में कैसे आओगी-
जब घर आंगन में माँ नहीं तो प्रेम प्रीत कहाँ पाओगी-
जब न होंगे दादी नानी तो कौन कहानी सुनायेंगे-
जब स्वप्न सुन्दरी हो नहीं तो किससे ब्याह रचाओगे-
जब घर में बेटी न हो तो तुम किस पर लाड लुटाओगी-
जब तेरे घर में बहू नहीं तो कैसे वंश बढाओगी-
नारी बिन बह जग है सूना बात कब समझ पाओगे-
जब नारी जग में न होगी तो जग में कैसे आओगी...