का लगी अनपढ जिंदगी बिता ले, मोर भैया रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले...साक्षरता गीत
ग्राम-बनियाबन, पंचायत-झुलाड़ीहा, प्रखंड-हंटरगंज, जिला-चतरा (झारखण्ड) से राजेश कुमार एक साक्षरता गीत सुना रहे हैं:
का लगी अनपढ जिंदगी बिता ले-
मोर भैया रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले-
मोर बहिन रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले-
डॉक्टर के लिखल दवा सिके ना बुझाले-
तीन बार खाए के दवा एका बार खाले-
मोर भैया रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले-
मोर बहिन रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले-
कोट गेली जमीन बेच ली सिके ना बुझाले-
एक हजार दे ली एके सौ चढ़े-
मोर भैया रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले-
मोर बहिन रे दुनिया में कतेक ठोकर खाले...