माटी होही तोरे चोला रे संगी...छत्तीसगढ़ी गीत
शिवलाल उसेंडी ग्राम-मेड़ो, तहसील-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर, छत्तीसगढ़ से एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहे हैं-
माटी होही तोरे चोला रे संगी – माटी में उपजे माटी में बाढ़े-
माटी में ही तोरी काया-
चार इक दिन का सुघर मेला-
आखिर में सब माटी के डेला-
मत बन काकरो दुश्मन बैरी-
जाना है एक दिन टोला रे संगी-
माटी हो ही तोरे चोला रे संगी-
माटी हो ही तोरि काया रे संगी...